नई दिल्ली। भारतीय कार बाजार में क्रांति लाने के 26 वर्षो बाद मारुति सुजुकी गुरुवार से 13 शहरों में अपने 'एम-800' माडल की बिक्री बंद कर देगी। एक अप्रैल से इन तेरह शहरों में उत्सर्जन के नए मानक लागू हो जाएंगे।
मारुति-800 को पहली बार कंपनी के गुड़गांव संयंत्र से 14 दिसंबर, 1983 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उपस्थिति में पेश किया गया था। अब इस कार की बिक्री राष्ट्रीय राजधानी एवं मुंबई सहित 13 शहरों में नहीं होगी।
मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आर सी भार्गव ने बताया, 'मारुति-800 के साथ कंपनी भावनात्मक रूप से जुड़ी रही, लेकिन हम कारोबार पर भावना को हावी नहीं होने दे सकते। हमने इसे बीएस-4 उत्सर्जन मानकों के अनुरूप नहीं ढाला है।'
कल से एनसीआर, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलूर, हैदराबाद और अहमदाबाद सहित 13 शहरों में बीएस-4 उत्सर्जन मानक लागू हो जाएंगे, जबकि देश के अन्य शहर अक्तूबर में बीएस-3 उत्सर्जन मानकों को अपनाएंगे।
उन्होंने कहा कि 26 वषो' में कंपनी ने करीब 28 लाख मारुति-800 कारें बेची जिसमें से 25 लाख से अधिक कारों की बिक्री घरेलू बाजार में की गई। परिचालन के पहले साल [दिसंबर-मार्च, 1983] में मारुति ने 840 कारों का उत्पादन किया।
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